चवन्नी गई तो क्या, अब आ रहा है 1,000 रु. का सिक्का
वित्त मंत्रालय ने चवन्नी को भले ही चलन से बाहर कर दिया हो, लेकिन संसद ने 1,000 रुपये का सिक्का चलाने का रास्ता साफ कर दिया है। राज्य सभा ने गुरुवार को कॉइन्स बिल 2009 को पारित कर दिया।
लोकसभा ने इसे पहले ही पारित कर दिया था। इससे सरकार को सिक्कों से जुड़ी अन्य बातों के अलावा 1,000 रुपये तक के सिक्के जारी करने का भी अधिकार मिल गया।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राज्य सभा में इस विधेयक पर चर्चा के बाद पर जवाब देते हुए बताया कि इससे देश में 1,000 रुपये तक के सिक्के चलने का रास्ता प्रशस्त होगा। यही नहीं, जरूरत के हिसाब से नए टकसाल (मिंट) खोले या बंद किये जा सकेंगे। हालांकि सदस्यों ने यह भी कहा कि एक हजार रुपये का सिक्का रहने से काले धन के संचय को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस पर वित्त मंत्री का कहना था कि अभी 1,000 रुपये का सिक्का नहीं ढाला जा रहा है। इस विधेयक में यह व्यवस्था है कि जब जरूरत पड़े इतनी राशि का सिक्का छाप ले। सिक्के पर ही उन्होंने चवन्नी की चर्चा करते हुए कहा कि यह जन मानस से जुड़ा है, तब भी इसे हटाना पड़ा। यह समय की मांग है। छोटे सिक्के समय और जरूरत के हिसाब से ही ठीक होते हैं। उन्होंने अंग्रेजी राज की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय एक पैसा ही नहीं बल्कि पेनी चलता था।
उस समय तीन पेनी का एक पैसा होता था। उस समय पेनी में भी काफी सामान मिल जाता था। जैसे जैसे समय बदला, पेनी क्या एक दो तीन पांच दस और बीस पैसे के सिक्के भी बंद हो गए। कॉइन्स एक्ट में सिक्केगलाने वालों या इसका दुरुपयोग करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
अब यदि कोई सिक्कों को गलाएगा तो उसे सात साल की सख्त सजा हो सकती है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि देश में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) तथा आयकर विभाग के 150 वर्ष पूरे हो गए हैं। इन दोनों संस्थानों की तरफ से भी इस स्मृति में सिक्के जारी करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। इसे पूरा भी किया जाएगा।
Source : Business Bhaskar New Delhi (Published on 2nd August 2011)
आम बजट के दिन बाजार में आएगा 150 रुपए का सिक्का
(New 150 Rupees Coin may release at the time of General Budget India)
ये विशेष सिक्के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा बजट भाषण से ठीक पहले जारी किए जाएँगे। आयकर विभाग का 150 वर्ष 2010 में पूरा हो गया। विभाग ने 1860 में काम करना शुरू किया था।
News Source : Business Bureau / Bhaskar EPaper ( published in month of Feb 2011)
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