हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार - वे आठ जिनसे मृत्यु भी डरती है
१. मार्कण्डेय : ये अति प्राचीन मुनि हैं जिनका कल्पों में भी अंत संभव नहीं है।
२. वेद-व्यास : ये ब्रह्मऋषि हैं इन्होंने ही चारों वेदों का सम्पादन एवं पुराणों का लेखन कार्य किया।
३. परशुराम : ईश्वर के चौबीस अवतारों में से एक, जो पृथ्वी को अठारह बार क्षत्रिय विहीन करने के लिये प्रसिद्ध हैं।
४. राजा बलि : अपना सर्वस्व भगवान वामन को दान कर महादानी के रूप में विख्यात हुए। इनकी भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान विष्णु इनके द्वारपाल बने।
५. हनुमान : भगवान शिव के ११ वें रूदा्रवतार, भगवान श्री राम के परम भक्त के रूप में प्रसिद्ध।
६.विभीषण : लंका के राजा रावण के अनुज जिन्होंने राम-रावण युद्ध में धर्म का पक्ष लेते हुए श्री राम का साथ दिया।
७. कृपाचार्य : महाभारत कालीन एक आचार्य जो कौरवों और पाण्डवों के गुरु थे।
८. अश्वत्थामा : ये कौरवों और पाण्डवों के प्रसिद्ध आचार्य द्रोणाचार्य के सुपुत्र थे। इनके मस्तक पर मणी जड़ी हुई थी।
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