Sunday, August 28, 2011

Ompuri Speech at JanLokPal Manch in support of Anna Hazare's Movement

Ompuri Speech at JanLokPal Manch (Podium)  in support of Anna Hazare's Movement

Ompuri said in his speech :
An Examination should be conducted for MP's ( Memebr of Parliament's) and a minimum 60% passing marks etc. should be criteria.

He also said Politicians (Goverment) is using Goverment Machinery for there vested interest (Language is aggresive/slurry) and blaming Government for Kiran Bedi's posting in traffic department and when she is lifting up Cars of son's of Politician's, she faces problems. However she dealt effectively and a name given to her Crane Bedi. Transfer mechanisms in Government is unfair etc. etc.

Sh. Sharad Yadav angry for such remarks on MP's.
And sounded a note of caution to people like former IPS officer Kiran Bedi and actor Om Puri who had been at the forefront of the anti-politician offensive from Team Anna. "You were a police officer, what do you know of politics? We have been patient with you even when you called us names because we are genuinely concerned about Anna. But do not try our patience because we are in the business of insulting - ask the treasury benches. If it comes to our prestige, don't push us to a corner where we are forced to hit back," Yadav said. Earlier, he had made personal comments about Om Puri's "two marriages" and his "drinking habits".


He also lambasted the lack of presence of backwards and minorities in Team Anna, saying how within 40 years of murder of Martin Luther King, the US had a black president but India is yet to get rid of its social stigmas.

नई दिल्ली।। लोकसभा के वरिष्ठ सदस्य और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता शरद यादव ने लोकपाल से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए उन अन्ना समर्थकों की जमकर खिंचाई की, जो रामलीला मैदान से नेताओं को भ्रष्ट करार दे रहे हैं। उन्होंने पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी और मीडिया को भी नहीं बख्शा। शरद यादव का भाषण इतना जोरदार था कि उनका समय समाप्त होने के बावजूद विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के लोग भी चाहते थे कि वे और बोलें। जब उन्होंने अपनी बात पूरी की तो उनकी सीट पर जाकर बधाई देने वालों का तांता लग गया और इसमें विपक्ष की बजाय कांग्रेस के सदस्य ज्यादा तादाद में थे।




मर्यादा में रहें: उन्होंने कहा कि वे भी अन्ना के समर्थक हैं, लेकिन जिस तरह नेताओं और संसद का मजाक उड़ाया गया, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। संसद के सदस्य मर्यादा में हैं तो अन्ना समर्थकों को भी अपनी मर्यादा में रहना चाहिए। जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट में उन्होंने कहा कि जिस ओमपुरी को उनकी पत्नी ने शराब की वजह से घर से बाहर कर दिया, वही मंच से लोगों को सलाह दे रहे हैं कि दारू भी लो और नोट भी, लेकिन वोट मत दो। क्या मंच पर बैठे लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं थी। उन्होंने दुपट्टा लेकर नेताओं के बारे में टिप्पणी करने पर किरण बेदी की भी जमकर क्लास ली। यादव ने कहा कि किरण बेदी क्या सिखाएगी सांसदों को। वह तो रिटायर हुई हैं, हमने तो तीन-तीन बार संसद से इस्तीफा दिया है।



पगड़ी उछालना हमें भी आता है: यह सही है कि अन्ना ने करप्शन के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है लेकिन यह न भूलें कि यही वह संसद है, जिसने अपने 27 लोगों को जेल भेजा है। इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी है। सिर्फ ए. राजा को ही याद न करो, वाजपेयी को भी याद करो। सांसद नरमी से बात कर रहे हैं और वे (अन्ना समर्थक) सांसदों का घेराव कर रहे हैं। अन्ना समर्थकों को भी गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। हम संसद की मर्यादा में रहे हैं और उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए। न कि दुपट्टा ओड़कर सांसदों का मजाक उड़ाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी के लिहाज में कहा कि पगड़ी उछालना बंद करें, पगड़ी उछालना नेताओं को भी आता है। उन्होंने कहा कि अन्ना अनशन कर रहे हैं, लेकिन देश में लाखों लोग हैं, जो रोजाना एक वक्त खाना नहीं खाते।
Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/9762087.cms
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क्या कहा था ओमपुरी ने? : हालांकि ओमपुरी ने अन्ना के मंच से जो कहा था, उसे जस का तस नहीं लिखा जा सकता, लेकिन पुरी का अंदाज बहुत ही तल्ख था। उन्होंने कहा कि अच्छे नेता बहुत ही कम हैं, लेकिन वे भी भ्रष्ट लोगों का साथ दे रहे हैं।



उन्होंने मैदान में मौजूद लोगों से अपील की वे अच्छे लोगों का ही चुनाव करें और अपने वोट की कीमत पहचानें। ओमपुरी ने मंच पर मौजूद पूर्व पुलिस अधिकारी और अन्ना की सहयोगी किरण बेदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि बेदी देश की नायिका हैं और खुद भ्रष्ट व्यवस्था की शिकार हुई हैं।
Source: http://hindi.webdunia.com/news-national/%E0%A4%93%E0%A4%AE%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%8F-%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A5%80-1110826089_1.htm

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अन्ना के मंच पर 'बहके' ओम पुरी, माफी मांगी



नई दिल्ली।। अन्ना हजारे के समर्थन में बॉलिवुड से कई सितारे आ रहे हैं। शुक्रवार को ओम पुरी भी वहां पहुंचे। पर, ओम पुरी ने पता नहीं किस ' सुर ' में थे कि वे नेताओं को नालायक, गंवार जैसे विशेषणों से विभूषित करते हुए काफी बुरा-भला कह गए। अब उन्हें मानहानि का मुकदमा भी भुगतना पड़ सकता है।




अन्ना के समर्थन में मंच पर उतरे ओम पुरी ने कहा , ' एक चपरासी की भर्ती होती है तो उससे उसकी शैक्षिक योग्यता पूछी जाती है, लेकिन संसद या विधान सभा के चुनाव में गंवार को भी टिकट दे दिया जाता है। '



ओम पुरी ने कहा कि पढ़े-लिखे एक आईएएस और आईपीएस को नेताजी को सैल्यूट करना पड़ता है। सेना और पुलिस वालों को गंवार लोगों से आदेश लेना पड़ता है।



ओम पुरी यहां तक कह गए कि संसद में गांधी के बाद ही अन्ना की फोटो लगनी चाहिए। अन्ना के समर्थन में इतने लोग आए हैं, मैंने इतनी भीड़ अपनी जिन्दगी में कभी नहीं देखी। वह न सिर्फ भारत के बल्कि दूनिया भर में अन्याय के विरोध के प्रमुख स्वर बन कर उभरे हैं।



60 वर्षीय पुरी को अपनी बातों के लिए संसद की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है। हालांकि उन्हें बाद में उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली और कहा कि मैं बहक गया था। लेकिन लगता है कि बात माफी पर जाकर खत्म होने वाली नहीं है। पता चला है कि उनके खिलाफ संसद में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया जा सकता है।
Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/9754614.cms
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जुबां पर काबू नहीं रख पाए ओमपुरी



नई दिल्ली। रामलीला मैदान में अन्ना का समर्थन करने पहुंचे अभिनेता ओमपुरी ने जमकर नेताओं को खरी-खरी सुनाई। यहां तक कि वे मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ गए। जोश ही जोश में उन्होंने ऎसी बातें कह दी जो कई नेताओं को नागवार गुजर रही है।




कांग्रेस के सांसद जगदम्बिकापाल ने यहां तक कह दिया है कि वे ओमपुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे। हालांकि ओमपुरी के ऎसे बयानों को भांप कर एक अन्ना समर्थक ने उन्हें सचेत किया। मंच छोड़ने से पहले पुरी ने यह कहने से गुरेज नहीं किया कि वे बहक गए थे। उन्हें ऎसी टिपपणी नहीं करनी चाहिए थी।



कुछ ऎसा बोल गए थे ओमपुरी
शुक्रवार को रामलीला मैदान में अन्ना के मंच से समर्थकों को सम्बोधित करते हुए पुरी ने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि ऎसे नेताओं को हम नही सुनेंगे। अगर आपकी सहानुभूति किसी पार्टी से तो वह रहे लेकिन यदि वह किसी नालायक को टिकट देती है तो वोट नहीं देंगे यह कह दें। ये सब के सब निकम्मे हैं। आप के वोट की कीमत है। सभी से अपील है ऎसे लोगों की बात न मानें।

 
ये नोट बांटते हैं, आपको 200 का नोट दे देंगे। इनकार करेंगे तो ये ताकतवर है। मैं कहता हूं इनके दिए पैसे जेब में रखिए, वोट उसे दीजिए जिसे आप चाहते हैं। ये नेता कितने अनपढ़ गंवार है, कैसे लड़ते हम टीवी पर देखते हैं। एक दूसरे पर टोपियां फेंकते हैं, माइक फेंकते हैं। क्या ये देश को चलाएंगे। अब ऎसे नेताओं को हम नहीं चुनेंगे। अनपढ़ उमीदवारों को वोट न दें।
Source: http://www.patrika.com/news.aspx?id=664511

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